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Up Kiran, Digital Desk: भागदौड़ भरी जिंदगी, खराब खान-पान और दिन भर की थकान... इन सबका एक जादुई हल आज-कल हर किसी के पास है - एक मल्टीविटामिन की गोली! हमें लगता है कि जो पोषक तत्व हम अपने खाने से नहीं ले पा रहे हैं, उसकी भरपाई यह छोटी सी गोली कर देगी। सुबह उठकर विटामिन की गोली खा लेना कई लोगों के लिए वैसा ही है, जैसे सुबह की चाय पीना। उन्हें लगता है कि वे अपनी सेहत के लिए कुछ बहुत अच्छा कर रहे हैं।

लेकिन क्या यह सच है? क्या रोज मल्टीविटामिन खाना आपकी सेहत का 'इंश्योरेंस' है या फिर आप अनजाने में अपने शरीर के साथ एक खतरनाक खेल खेल रहे हैं? विज्ञान और स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस 'जादुई गोली' के बारे में क्या कहते हैं, चलिए जानते हैं इसकी पूरी सच्चाई।

क्यों है मल्टीविटामिन का इतना क्रेज?

सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि लोग मल्टीविटामिन क्यों खाते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है 'पोषण की कमी का डर'। हम जानते हैं कि हमारा खाना पौष्टिक नहीं है, हम पर्याप्त फल और सब्जियां नहीं खाते। ऐसे में, एक गोली खाकर यह तसल्ली मिल जाती है कि शरीर को सभी जरूरी विटामिन और मिनरल्स मिल गए हैं। यह एक आसान और त्वरित समाधान लगता है।

क्या सच में हैं कुछ फायदे?

ऐसा नहीं है कि मल्टीविटामिन पूरी तरह से बेकार हैं। कुछ खास परिस्थितियों में और कुछ खास लोगों के लिए ये वाकई फायदेमंद हो सकते हैं:

पोषक तत्वों की कमी को भरना: अगर किसी व्यक्ति में खून की जांच के बाद विटामिन B12, विटामिन D या आयरन जैसी किसी खास चीज की कमी पाई जाती है, तो डॉक्टर उसे सप्लीमेंट लेने की सलाह देते हैं।

गर्भवती महिलाएं: गर्भवती महिलाओं को गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास के लिए फोलिक एसिड और आयरन जैसे अतिरिक्त पोषक तत्वों की जरूरत होती है, जो सिर्फ भोजन से पूरी नहीं हो पाती।

बुजुर्ग: बढ़ती उम्र के साथ शरीर की पोषक तत्वों को अवशोषित करने की क्षमता कम हो जाती है। ऐसे में विटामिन B12 और D के सप्लीमेंट जरूरी हो सकते हैं।

शाकाहारी (Vegans): जो लोग पशु-आधारित उत्पाद नहीं खाते, उनमें अक्सर विटामिन B12 की कमी हो जाती है, जो केवल मांसाहारी भोजन में पाया जाता है।

खतरे की घंटी: जब रोज की गोली बन जाए 'मीठा जहर'

अब आते हैं सिक्के के दूसरे पहलू पर। अगर आप बिना किसी ডাক্তरी सलाह के, सिर्फ यह सोचकर रोज मल्टीविटामिन खा रहे हैं कि इससे आप स्वस्थ रहेंगे, तो आप इन खतरों को दावत दे रहे हैं:

1. झूठी सुरक्षा का एहसास: यह सबसे बड़ा मनोवैज्ञानिक खतरा है। लोग सोचते हैं कि अगर उन्होंने मल्टीविटामिन की गोली खा ली है, तो अब वे पिज्जा, बर्गर या कोई भी अनहेल्दी खाना खा सकते हैं, क्योंकि गोली सब संभाल लेगी। यह सोच आपको एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से रोकती है। याद रखें, कोई भी गोली खराब डाइट की भरपाई नहीं कर सकती।

2. विटामिन का ओवरडोज (Vitamin Toxicity)

यह सबसे गंभीर शारीरिक खतरा है। हमारे शरीर में दो तरह के विटामिन होते हैं:

पानी में घुलनशील (Water-Soluble): विटामिन B और C। अगर ये शरीर में ज्यादा हो जाएं, तो वे यूरिन के रास्ते बाहर निकल जाते हैं।

वसा में घुलनशील (Fat-Soluble): विटामिन A, D, E, और K। ये विटामिन शरीर में आसानी से बाहर नहीं निकलते और हमारी चर्बी (Fat Cells) और लिवर में जमा होने लगते हैं।

अगर आप बिना सोचे-समझे रोज मल्टीविटामिन खाते हैं, तो इन फैट-सॉल्युबल विटामिन्स की मात्रा शरीर में खतरनाक स्तर तक बढ़ सकती है, जिससे लिवर डैमेज, बालों का झड़ना, हड्डियों में कमजोरी और यहां तक कि तंत्रिका तंत्र को भी नुकसान पहुंच सकता है।

3. असली भोजन का कोई विकल्प नहीं

जब आप एक संतरा खाते हैं, तो आपको सिर्फ विटामिन C नहीं मिलता। आपको फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट्स, फ्लेवोनोइड्स और कई अन्य सूक्ष्म पोषक तत्व मिलते हैं जो एक गोली कभी नहीं दे सकती। भोजन एक कॉम्प्लेक्स पैकेज है जो协同 तरीके से काम करता है। सप्लीमेंट्स इस तालमेल की नकल नहीं कर सकते।

तो आखिरी फैसला क्या है?खुद के डॉक्टर न बनें: अपनी मर्जी से कोई भी मल्टीविटामिन खाना शुरू न करें।

पहले जांच, फिर दवा: अगर आपको कमजोरी या थकान महसूस हो रही  तो डॉक्टर से मिलें। वह आपकी खून की जांच करके पता लगाएंगे कि आपके शरीर में असल में किस चीज की कमी है।

भोजन को प्राथमिकता दें: अपनी प्लेट को इंद्रधनुष की तरह रंगीन बनाने की कोशिश करें। हर रंग के फल और सब्जियों को शामिल करें। आपकी 90% पोषक तत्वों की जरूरत यहीं से पूरी हो जाएगी।

मल्टीविटामिन एक बैसाखी की तरह हैं, उनका इस्तेमाल केवल तभी करना चाहिए जब आपका शरीर 'लंगड़ा' हो, यानी जब उसमें किसी खास चीज की वास्तविक कमी हो। इसे रोज की आदत बनाना सेहत के लिए फायदेमंद से ज्यादा नुकसानदेह साबित हो सकता है। अगली बार मल्टीविटामिन की गोली उठाने से पहले, एक सेब उठाएं - यह आपके शरीर के लिए कहीं ज्यादा बेहतर विकल्प है!