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Up Kiran, Digital Desk: राजस्थान में आबकारी विभाग की वित्तीय व्यवस्था में भारी अनियमितता सामने आई है। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की ताजा रिपोर्ट में लगभग 195 करोड़ रुपये के राजस्व घाटे का खुलासा हुआ है। यह घाटा विभाग के लाइसेंस शुल्क, जुर्माना व वसूली में हुई लापरवाही के कारण हुआ है।

CAG की जांच में 2021-22 के दौरान 2,663 शराब ठेकेदारों के 7,512 मामलों की पड़ताल की गई। इनमें से करीब 72 प्रतिशत मामलों में नियमों का उल्लंघन पाया गया। खासतौर पर आबकारी शुल्क और लाइसेंस की कम वसूली से 100 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान दर्ज किया गया।

रिपोर्ट में विभाग की कम्प्यूटरीकृत प्रणाली पर भी सवाल उठाए गए हैं। इसके खाता बही रिकॉर्ड में भी विसंगतियां मिलीं, जिससे 72 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व नुकसान हुआ। विदेशी शराब व बीयर से संबंधित मामलों में भी करीब 15 करोड़ रुपये का घाटा सामने आया है।

CAG ने सरकार से इस नुकसान की भरपाई और वित्तीय अनुशासन कड़ाई से लागू करने का आग्रह किया है। साथ ही, ठेकेदारों से विलंबित वसूली को लेकर भी कठोर कदम उठाने की सिफारिश की गई है।

इस खुलासे से विभाग की कार्यप्रणाली और जवाबदेही पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। सरकार जल्द ही इस मामले में जवाब देने की स्थिति में है।