अंतर्राष्ट्रीय डेस्क. अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद अब तालिबान (Taliban) भारत के खिलाफ बड़ी साजिश रच रहा है। वह भारत में 6 रास्तों से अपना ड्रग का कारोबार बढ़ाने की प्लानिंग कर रहा है। उधर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई भी लड़ाकों का उपयोग भारत में करने की साजिश रच रही है।
इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा रहा है कि पिछले महीने दिल्ली में पकड़ी गई 2500 करोड़ रुपये की हेरोइन के पीछे अफगानिस्तान में बैठे तालिबानियों का ही हाथ था।
गौरतलब है कि अफगानिस्तान में सत्ता में आए तालिबान (Taliban) की आमदनी का सबसे बड़ा जरिया ड्रग का कारोबार है। इसी ड्रग के कारोबार के जरिए तालिबान का काला कानून चलाया जाता है और उसके नेता अपने लड़ाकों को अपने कब्जे में रखते हैं।
पहले यह कारोबार चोरी छुपे होता था क्योंकि अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना मौजूद थी और वह इस पर पूरी तरह से नजर रखती थी कि उसके रूटों के जरिए ड्रग के कारोबार को बढ़ावा ना मिल सके लेकिन अब खुद तालिबान ही सर्वोसर्वा बन बैठा है। यूएस आर्मी भी अफगानिस्तान छोड़ कर जा चुकी है। ऐसे में अब तालिबान बेधड़क अपने ड्रग कारोबार को बढ़ाने का प्लान बना सकता है।
खुफिया सूत्रों के अनुसार तालिबान (Taliban) के आलाकमान यह मानते हैं कि भारत उसके लिए नार्को टेरेरिज्म का एक बड़ा बाजार है, जहां से वो अपनी कमाई बढ़ाने के साथ ही दूसरे देशों पाकिस्तान और चीन से भी अपना हित साध सकता है। लिहाजा तालिबान का नया ड्रग रूट प्लान बना है। खुफिया सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई तालिबान को अपने रूटों के जरिए भारत में ड्रग्स भेजने की पहल का इजहार कर चुकी है।
ये हैं रूट?
अफगानिस्तान (from Afghanistan)- पाकिस्तान- ईरान पोर्ट – मुंबई
Afghanistan to – पाकिस्तान – राजस्थान
– पाकिस्तान- जम्मू कश्मीर
– पाकिस्तान- पंज
– कराची पोर्ट- कच्छ जामनगर
– कराची पोर्ट- मुंबई
वहीं कराची से भारत आने के लिए कच्छ की खाड़ी में कांडला पोर्ट भी पड़ता है जो एक खुला हुआ रास्ता है। अगर ड्रग कंटेनर भी वहां पहुंच जाए तो टनों के हिसाब से ड्रग्स भारत में आ सकता है। वहां इस ड्रग्स की कीमत एक लाख रुपये किलो है जबकि भारत में इसकी कीमत चार करोड़ रुपये किलो तक हो जाती है। (Taliban)