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मई-जून में जब चिलचिलाती गर्मी पड़ती है तब लोगों के जेहन में मानसून की बारिश जरूर याद आती है। जब मानसून आ जाता है और बारिश पूरे शबाब पर रहती है तब लोगों को सावन की रिमझिम और फुहारों की याद आती है। ‌ इसके साथ सावन का महीना ऐसा होता है जो मन को सुकून देता है। ‌रिमझिम बरसता सावन, चारों ओर फैली हरियाली पूरा वातावरण हरा भरा दिखाई देता है। इस महीने में झूला झूलने की विदेश में पुरानी परंपरा रही है। 

हम बात कर रहे हैं सावन की। आज से सावन का महीना शुरू हो गया है। सबसे खास बात यह है कि इस बार सावन 2 महीने का है। सावन का महीना भगवान भोलेनाथ का प्रिय महीना माना जाता है। ‌क्योंकि श्रावण में ही शिव और शक्ति का मिलन हुआ था। कठोर तपस्या के बाद देवी पार्वती ने सावन में ही शिव को पुन: पति के रूप में पाया था। कहा जाता है कि इस माह में शिव आराधना करने से सभी मनोकामनाएं जल्दी पूरी हो जाती हैं। 

यही वजह है कि भगवान शिव के तमाम भक्त साल भर बेसब्री से सावन के आने का इंतजार करते हैं। बता दें कि सावन का पावन माह 4 जुलाई से शुरू होकर 31 अगस्त तक रहेगा। इस बार सावन का महीना 59 दिन यानी दो महीने का होगा। सावन के आरंभ से कांवड़ यात्रा भी शुरू हो जाती है। सावन के पहले दिन से धर्मनगरी हरिद्वार भोले के जयकारों से गूंजने लगी है। कांवड़ यात्रा मंगलवार से शुरू हो गई। 

लाखों की संख्या में भोले भक्त हरिद्वार में कांवड़ लेने आते हैं। बता दें कि शतभिषा नक्षत्र के स्वामी राहु महाराज हैं तो वहीं केतु तुला राशि में बैठे हुए दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में यह दिन काफी शुभ और मंगलकारी माना जा रहा है। मान्यता है कि सावन के सोमवार का व्रत रखने से सभी मनोकामना पूरी होती है। यह व्रत सुहागिन महिलाओं को जरुर करना चाहिए। इस व्रत को करने से सौभाग्यवती का आशिर्वाद मिलता है। ये व्रत अगर कुंवारी कन्याएं रखती हैं तो उन्हें सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है।

सावन में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है--

आषाढ़ पूर्णिमा के अगले दिन से सावन मास की शुरुआत हो जाती है। सावन के महीने में भगवान शिव और माता पार्वती की विधि विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। लेकिन इस बार का सावन विशेष संयोग लेकर आया है । इस साल सावन के महीने में अधिकमास लग जाने के कारण ये महीना लगभग दो महीने के बराबर होने जा रहा है, जिसमें 8 सोमवार व 9 मंगलवार पड़ेंगे। सावन के महीने में शिव भक्त भगवान का जलाभिषेक करने के लिए कांवड़ यात्राएं निकालते हैं। 

शिव भक्तों के लिए ये महीना बेहद खास है। ऐसी मान्यता है कि सावन के महीने में भगवान शिव पृथ्वी पर अपने भक्तों के बीच निवास करते हैं और उनकी सभी इच्छाएं पूरी करते हैं। इस महीने शिवलिंग का जलाभिषेक और रुद्राभिषेक किया जाता है, मान्यता है कि इससे भक्तों के सारे कष्ट दूर होते हैं। ग्रह नक्षत्रों की स्थिति के हिसाब से भी यह महीना काफी शुभकारी माना जा रहा है। यह दुर्लभ संयोग लगभग 19 साल बाद बन रहा है, जिसमें 8 सावन के सोमवार पड़ेंगे। जिसमें लोग सावन के सोमवार का व्रत रखेंगे, वहीं महिलाएं मंगलवार को भी मंगला गौरी व्रत करेंगी। सावन का पहला सोमवार 10 जुलाई 2023 को पड़ेगा तो वहीं दूसरा सोमवार 17 जुलाई, तीसरा सोमवार 24 जुलाई और 31 जुलाई को पड़ेगा। 

वहीं अगस्त के महीने में पांचवां सोमवार 7 अगस्त, छठा सोमवार 14 अगस्त, सातवां सोमवार 21 अगस्त को तो वहीं 28 अगस्त को आखिरी व आठवां सोमवार पड़ने जा रहा है। इस दौरान कई त्योहार मनाए जाएंगे। 6 जुलाई को संकष्टी चतुर्थी, 13 जुलाई को कामिका एकादशी, 15 जुलाई को मासिक शिवरात्रि, 17 जुलाई को श्रावण माह की अमावस्या, 19 अगस्त को हरियाली तीज, 21 अगस्त नाग पंचमी, 30 अगस्त को रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जाएगा।

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