नई दिल्ली। विदेश मंत्रालय ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में गिरफ्तार किए गए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर जर्मन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता की टिप्पणियों पर कड़ा विरोध दर्ज कराया है। इसे भारत के आंतरिक मामलों में दखल बताते हुए नई दिल्ली स्थित जर्मन मिशन के उप प्रमुख को मंत्रालय में तलब किया गया। इस संबंध में की गई पक्षपातपूर्ण धारणाएं अत्यंत अनुचित हैं।
विदेश मंत्रालय ने इस संबंध में जानकारी साझा की है। मंत्रालय ने कहा है कि नई दिल्ली में जर्मन मिशन के उप प्रमुख जॉर्ज एन्ज़वीलर को आज बुलाया गया और हमारे आंतरिक मामलों पर उनके विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता की टिप्पणियों पर भारत के कड़े विरोध से उन्हें अवगत कराया। साथ ही उनसे कहा गया कि भारत ऐसी टिप्पणियों को हमारी न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप और हमारी न्यायपालिका की स्वतंत्रता को कमजोर करने के रूप में देखता है। भारत कानून के शासन वाला एक जीवंत और मजबूत लोकतंत्र है।
दिल्ली के आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुख्यमंत्री केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। फिलहाल वह 28 मार्च तक ईडी की हिरासत में हैं।
जर्मन विदेश मंत्रालय ने कहा था कि हमने ध्यान दिया है कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है। हम मानते हैं और उम्मीद करते हैं कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता और बुनियादी लोकतांत्रिक सिद्धांतों से संबंधित मानकों को इस मामले में भी लागू किया जाएगा। आरोपों का सामना करने वाले किसी भी व्यक्ति की तरह केजरीवाल निष्पक्ष और निष्पक्ष सुनवाई के हकदार हैं, इसमें बिना किसी प्रतिबंध के सभी उपलब्ध कानूनी रास्तों का उपयोग करना शामिल है। निर्दोष होने का अनुमान कानून के शासन का एक केंद्रीय तत्व है और उसे उस पर लागू होना चाहिए।
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